दिवाली | दिवाली पर निबंध | Diwali Essay in Hindi

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दिवाली ( Diwali )

दीपावली ( Diwali ) दीपों का मेला, झिलमिल महल, कटी गलियारे।
भारत भर में उतने दीपक, जितने जले नभ में तारें।।

दीपावली ( Diwali ) का अर्थ है-‘दीपों की अवली या पंक्ति।’ दीपावली प्रकाश का पर्व है। यह हिंदुओं का प्रसिद्ध त्यौहार है। भारतीय संस्कृति में विभिन्न धर्मों का समावेश है, इसलिए अब इसे केवल हिंदू ही नहीं सभी भारतीय मनाते हैं। दीपावली कार्तिक मास में अमावस्या के दिन मनायी जाती हे।

अमावस्या की अंधेरी रात दीपों, मोमबत्तियों तथा विधुत बल्बों से जगमगा उठती है। दो दिन पर्वू अर्थात्‌ त्रयोदशी से लेकर दो दिन बाद भैया दूज तक यह त्योहार मनाया जाता है। त्रयोदशी को धन तेरस मनाते हैं। इस दिन लोग नए बर्तन खरीदना शुभ समझते हैं। इस दिन धन के देवता कुबेर की पूजा होती है।

DIWALI
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दीपावली के एक दिन पहले छोटी दीपावली अर्थात्‌ नरक चौदस मनाई जाती है। इसी दिन श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था तथा उसके कारागार में बंधी सोलह हजार कन्याओं का उद्धार किया था। दीपावली के साथ अनेक कथाएँ जुडी हैं। इसी दिन भगवान श्री राम का राजतिलक हुआ था| विजय दशमी के दिन रावण का वध करके श्रीराम अयोध्या लौटे थे। अमावस्या के दिन उन्होंने पुनः सिंहासन ग्रहण किया था।

अपने प्रिय राम को राजा के रूप में राजगद्दी पर बैठा देखकर अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर-खुशियाँ मनाई थीं। तभी से प्रतिवर्ष यह त्यौहार इसी प्रकार दीपमालाओं की जगमग के साथ मनाया जाता है। दीपावली दशहरे के बीस दिन बाद आती है।

दीपावली मनाने के अन्यक कारण भी हैं-इसी दिन भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप का वध किया था। इसी दिन सिखों के छठे गुरु हरगोविंद सिंह जी को बंधन मुक्ती मिली थी। गुरु अर्जुनदेव द्वारा अमृतसर की स्थापना, आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती का निर्वाण, स्वामी रामतीर्थ का जन्म एवं निर्वाण, महावीर स्वामी को मोक्ष प्राप्ति आदि। इसके अतिरिकत पौराणिक मान्यता यह है कि धन की देवी लक्ष्मी शरद्‌ ऋतु में अपने भक्तों के घर विचरण करने के लिए निकलती हैं। लोग दीप जलाकर उनका स्वागत करते हैं।

दीपावली की तैयारियाँ बहुत दिन पहले से आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों, व्यापारिक संस्थों की सफाई में जुट जाते हैं जिसमें कीटाणुओं का नाश होता है। दीपावली से कुछ दिन पूर्व ही लोग बाजारों घरों, दुकानों आदि को सजाते हैं, जो अत्यंत आकर्षक लगते हैं।

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दीपावली के दिन बच्चे अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। पटाखे, फुलझडियां, आतिशबाजियां चलाते बच्चे बहुत प्रसन्‍न रहते हैं। लोग इस दिन धन की देवी लक्षमी और गणेश की पूजा करते हैं। अंधेरा होते ही लोगों के घर के मुंडेरों पर दीपक, मोमबत्ती , बिजली के रंग-बिरंगे बल्ब जगमगा उठते हैं। लोग इष्ट मित्रों के यहां मिठाई आदि का आदान-प्रदान करते हैं। एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं देते हैं, जिससे पारस्परिक सौहार्द बढ़ता है।

दीपावली एक पवित्र और उल्लास भरा प्रकाश का त्योहार हेै। दीपावली वास्तव में में अंधकार पर प्रकाश की विजय का त्योहार है। हमें भी अंधविश्वास, घृणा, बुराई, ईर्ष्या, ध्वेश, निराशा आदि के अंधकार को दूर करके इस त्यौहार की पवित्रता को बनाए रखना चाहिए।